Friday, April 23, 2010

तेरा ख्वाब




पलके... बंद होते हीं,

अच्छा लगता है.....

यूँ तेरा चुपके से मेरे ख्वाबों में आना,

मेरी पलकों को लबों से चूमकर,

हौले से मुझे अपने आगोश में भरना,

अच्छा लगता है...

यूँ तेरा मेरी यादों में झिलमिलाना,

उँगलियों से अपनी मेरी जुल्फों को संवारना,

पर .... पलके खुलते हीं...

अच्छा नहीं लगता,

यूँ तेरा मुझसे जुदा होना,

नज़रों से ओझल होकर,

यूँ मेरा दामन छुड़ाना...

काश कि कुछ ऐसा हो

सो जाऊं मैं उस गहरी लंबी नींद में चीर तलक,

कि कभी जुदा न हो मुझसे

तेरा ये ख्वाब दूर तलक ......








2 comments:

  1. काश कि कुछ ऐसा हो

    सो जाऊं मैं उस गहरी लंबी नींद में चीर तलक,

    कि कभी जुदा न हो मुझसे

    तेरा ये ख्वाब दूर तलक ......
    ......hmmmm kash

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  2. ख्वाबों को हकीकत में बदलें , यही जिन्दगी का फसना है..

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