Thursday, June 11, 2009

reflection.......







सौगात - ऐ- मोहब्बत





मिली है मुझे वो सौगात- ऐ - मोहब्बत कि जिसमे,


नज़र आती है तुझे मेरी हजारों ख्वाहिशें,


बस नज़र आती नही तो,


उन ख्वाहिशों के पीछे का अनजाना डर,


नज़र आती है तुझे मेरी महफिल-ऐ -जिंदगी,


बस नज़र आती नही तो,


उस महफिल में रौशन-ऐ -तन्हाई,


नज़र आती है तुझे मेरे चेहरे की हँसी,


बस नज़र आती नही तो,


इन पलकों पर छलकी दर्द-ऐ -दिल की नमी...................



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