Sunday, June 14, 2009

reflection.....







काश


काश कि कुछ ऐसा हो जाए,


नाराज़गी छोड़, किस्मत भी हम पर मेहरबान हो जाए,


मेरे अरमानों को पर मिल जाए,


और ख्वाबों में सतरंगी चमक भर जाए,


उड़ान को बेचैन इस परिंदे को,


दूर तक फैली फलक मिल जाए,


देखे थे निगाहों ने जो सपने,


उन सपनों को सच्चाई कि धरातल मिल जाए,


खुशियाँ जहाँ आकर थामे मेरा दामन,


जिंदगी को वो साहिल मिल जाए ............

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