
जुदाई
तड़पता है दिल मेरा तुझसे दूर होकर,
सिसकती है जिंदगी मेरी तुझसे बिछड़कर,
तरसाती है तेरी हर याद मुझे,
रुलाती है तेरी वो मीठी बात मुझे,
चुभती है ये तन्हाई दिल में,
जलाती है ये जुदाई मुझे,
पर समझा लेती हूँ ख़ुद को ये सोचकर कि,
कम से कम खुश तो है तू मुझसे दूर होकर,
शायद जो खुशी तुझे मेरी नजदीकियों ने न दी,
कम से कम मिली तो है तुझे वो,
मेरी जुदाई से मगर........
vow a salute 2 u
ReplyDeleteits wht i cant express in my wrds u hav said
nice likha likha hai..........
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